
हर शुक्रवार को दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांधें
फुलवारी शरीफ, अजीत : वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ जारी जनांदोलन को प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए अमीर-ए-शरीयत बिहार, ओडिशा व झारखंड, हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी के निर्देश पर सभी मुसलमान भाइयों से अपील की गई है कि हर गुरुवार को रोजा रखना हर शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने एवं हर शनिवार को मोबाइल का टॉर्च जलाकर विरोध जतायें, जब तक केंद्र सरकार नया वक्त संशोधन बिल को वापस नहीं लेती है.ईमारत ए-शरीया के कार्यवाहक नाजिम मुफ्ती मुहम्मद सईद-उर-रहमान कासमी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुसलमानों से अपील की है कि वे इस तीन चरणों वाले विरोध मॉडल को पूरी गंभीरता से अपनाएं.
उन्होंने कहा कि जब तक यह ‘काला कानून’ वापस नहीं लिया जाता, तब तक हर मुसलमान की यह धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वक्फ की पवित्र संपत्तियों में दखल देकर धार्मिक स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन कर रही है.इससे न केवल मुसलमानों की धार्मिक भावना आहत हो रही है, बल्कि संविधान की आत्मा को भी ठेस पहुंच रही है.
मुफ्ती सईद-उर-रहमान कासमी ने कहा कि यह केवल धार्मिक मामला नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का भी सवाल है.हम इस शांतिपूर्ण और रचनात्मक विरोध के माध्यम से सरकार को यह संदेश देंगे कि वक्फ कानून से छेड़छाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक यह काला कानून वापस नहीं होता, तब तक विरोध जारी रहेगा.